Monday, June 23, 2025
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जयकारों के बीच श्री झंडाजी का किया गया आरोहण,21 मार्च को निकाली जायेगी भव्य ऐतिहासिक नगर परिक्रमा

 देहरादून:- प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा व आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक श्री झण्डाजी मेला इस साल भी बेहद भव्य स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है और आरोहण के समय चारों और भक्ति और आस्था का सैलाब उमड़ा पड़ा। दरबार श्री गुरु राम राय महाराज वह दरबार है जहां सबके मन्ननें और मुरादें पूरी होती हैं। आज सुबह सात बजे श्री झण्डेजी को उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई और दोपहर दो बजे से चार बजे के बीच दरबार श्री गुरु राम राय महाराज के सज्जादे गद्दी नशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में श्रद्धाभाव एवं दरबार साहिब के जयकारों के बीच श्री झण्डेजी का आरोहण किया गया और इसी के साथ झंडा मेला शुरू हो गया है और वहीं 21 मार्च को भव्य ऐतिहासिक नगर परिक्रमा निकाली जायेगी।
यहां ऐतिहासिक श्री झण्डेजी मेले में शीश नवाने व गुरु राम राय महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देश विदेश से लाखों की संख्या मंे संगतें हर साल देहरादून पहुंचती हैं। दरबार गुरु राम राय महाराज, श्री झण्डाजी मेला आयोजन समिति की ओर से सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया। इस दौरान इससे पूर्व श्री झण्डाजी आरोहण स्थल पर सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा का लिया गया था।
इस अवसर पर दरबार श्री गुरु राम राय महाराज के सज्जादे गद्दी नशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज ने श्री झण्डाजी मेला पर आई हुई संगतों को गुरुमंत्र दिया। इस दौरान गुरुमंत्र पाकर संगतंे धन्य-धन्य हो गईं। इस अवसर पर संगतों ने गुरुमंत्र को आत्मसात करते हुए झण्डा साहिब और गुरु राम राय महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर महंत देवेन्द्र दास महाराज ने गुरु महिमा के महत्व को समझाया। उन्होने कहा कि जिस प्रकार सूर्य की किरणें सभी को समान रूप से प्रकाश और ऊष्मा देती हैं और उसी प्रकार एक आध्यात्मिक गुरु अपनी कृपा और करुणा सभी पर समान रूप से रखते हैं। गुरु यानी जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करते हैं।
इस अवसर पर श्री झण्डाजी मेला आयोजन समिति के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री झण्डेजी को उतारने की प्रक्रिया सुबह सात बजे से शुरू की गई। उन्होंने बताया कि सुबह श्री झण्डेजी को उतारा गया और संगतों द्वारा दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल और पंचगव्यों से श्री झण्डेजी को स्नान कराया गया। उन्होंने बताया कि विधिवत वैदिक विधान से पूजा अर्चना के पश्चात् अरदास की गई। उन्होंने बताया कि दस बजे से श्री झण्डे पवित्र ध्वजदण्ड पर गिलाफ चढ़ाने का कार्य शुरू किया गया और दोपहर दो बजे से चार बजे के बीच श्री झण्डेजी का विधिवत आरोहण किया गया। इस अवसर पर अनेक श्रद्धालु व संगतें उपस्थित थे।

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